देहरादून: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने के बाद उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में फिर से रौनक आने की संभावना बढ़ गई है। भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव के कारण उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों के व्यवसायियों पर बहुत बुरा असर पड़ा. लेकिन अब दोनों देशों के बीच सीजफायर होने के बाद फिर से उनकी उम्मीदें जाग उठी हैं।
Ceasefire between India and Pakistan
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का प्रभाव उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन पर पड़ा है। उत्तराखंड चारधाम यात्रा के रूट पर कई होटलों में भी काफी संख्या में बुकिंग कैंसिल हो गई थी. आज शनिवार को हरिद्वार में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में काफी गिरावट आई। हरकी पैड़ी, मालवीय द्वीप, सुभाष घाट और अन्य प्रमुख स्थलों पर यात्रियों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही।
श्रद्धालुओं की भीड़ में इजाफा होने की उम्मीद
बीते तीन दिनों में मसूरी, धनौल्टी, काणाताल, बुराशंखंडा और केम्पटी क्षेत्र के होटलों की बुकिंग में 30 से 40 प्रतिशत की कमी आई है। आज भी मसूरी में पर्यटकों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में काफी कम रही। लेकिन अब भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने के बाद उत्तराखंड के तीर्थस्थलों में श्रद्धालुओं की भीड़ फिर से बढ़ेगी।
क्या है सीज फायर?
भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालातों को देखते हुए सीजफायर की घोषणा की गई है। दरअसल, सीजफायर का असली मतलब दो देशों के बीच युद्ध की स्थिति में शांति स्थापित करना होता है। सीजफायर लागू होने के तुरंत बाद से दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष पर अस्थाई और स्थाई तौर पर रोक लग जाती है। देश की सीमा पर आक्रामक कार्रवाई को रोकने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। खासबात ये है कि इसमें किसी भी तरह की संधि की जरूरत नहीं होती है, बल्कि इसके लागू होना फैसला दोनों देशों की आपसी सहमति पर निर्भर रहता है।